स्ट्रेस या तनाव एक तरह की दिमागी हालत है जो किसी भी गहरी सोच की वजह से पैदा होती है।गहरी सोच किसी भी हादसे की वजह से हो सकती है जिसका हमारे ऊपर बुरा असर हुआ हो । जब भी कभी हम किसी गहरी सोच में जाते हैं तो हमारा दिमाग उस हादसे की एहसास को ज़्यादा और भी ज़्यादा गहराता चला जाता है जिसकी वजह से हम नर्वस महसूस करने लगते हैं। आज कल की तेज़ ज़िन्दगी में स्ट्रेस होने की बहोत सी वजह हो सकती है। किसी भी वजह से होने वाला स्ट्रेस हमारे ऊपर बुरा असर डालता है। जब स्ट्रेस लंबे समय तक रहता है, तो यह हमारे हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। आम तौर पैर स्ट्रेस दो ख़ास तरह का होता है। तनाव से बचने के उपाय जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें।
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- एक्यूट स्ट्रेस – एक्यूट स्ट्रेस वो स्ट्रेस है जो जल्दी से हमारे कुछ करने से दूर हो जाता है जैसे गुस्से में पूरी ताक़त से ब्रेक को दबाना या घर में किसी से झगड़ा करना। इस तरह का स्ट्रेस तब भी होता है जब हम कुछ नया करते हैं।
- क्रोनिक स्ट्रेस – क्रोनिक स्ट्रेस वह स्ट्रेस है जो लंबे समय तक रहता है । क्रोनिक स्ट्रेस किसी ऐसी बात से या परेशानी से होता है जो हमारे साथ काफी दिनों से है जैसे ज़िन्दगी में पैसों की कमी होना , या जॉब में बॉस का परेशान करना। ऐसी बातें क्रोनिक स्ट्रेस की वजह हो सकती हैं। किसी भी तरह का स्ट्रेस जो हफ्तों या महीनों तक चलता है, वह क्रोनिक स्ट्रेस होता है ।
स्ट्रेस या तनाव से बचने के उपाय
1. तनाव के बारे में जानकार बनें
बहुत बार ऐसा होता है के लोगों को स्ट्रेस के बारे में पता हे नहीं चल पता है। अगर ऐसा होता है तो ये सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है के हम स्ट्रेस को पहचानें और वक़्त रहते उसका इलाज करवाएं। स्ट्रेस क्योंके एक तरह की दिमागी हालत है जिसके लम्बे समय तक रहने की वजह से इसका पूरा असर हमारी सेहत पर होता है और हमें दूसरी कई सारी बीमारियां हो जाती हैं जैसे बार बार दस्त या कब्ज होना, कमज़ोरी महसूस करना, किसी काम में दिल न लगना, कम या बहुत ज़्यादा नींद आना। कभी-कभी, हमें महसूस ही नहीं होता के ये सारी बीमारियां सिर्फ और सिर्फ स्ट्रेस की वजह से हैं ।
2. गहरी सांस लें
जब भी कभी स्ट्रेस हो तो सब से पहले दो से तीन गहरी सांसें लें खुद को स्ट्रेस से बाहर निकलने के लिए। गहरी सांस लेने से हमारे जिस्म में खून का बहाव तेज़ हो जाता है जिसकी वजह से हमारे जिस्म के हर हिस्से में नया और ताज़ा खून पहुँचता है ,तो सब से पहले गहरी सांस लेकर अपने आपको रिलैक्स करें। स्ट्रेस से बाहर आने के लिए मैडिटेशन, योगा और मसाज भी बहुत अच्छी मदद कर सकते हैं। मैडिटेशन , योगा और मसाज से हमारे जिस्म के सारे फंक्शन धीमे हो जाते हैं जिसकी वजह से हमारा जिस्म रिलैक्स हो जाता है जो आपको रिलैक्स होने और आराम करने में मदद कर सकता है ।
3. दोस्तों से बात करें
स्ट्रेस हो जाने पर चुप न रहे, बल्कि कोशिश करके अपनी सोच और वो बात जो आपको स्ट्रेस दे रही है उसके बारे में अपने घर वालों को, दोस्तों को, या साथ काम करने वालों को बता सकते हैं। हो सकता है आपको उस परेशानी से छुटकारा पाने का रास्ता मिल जाये। बात करने से हो सकता है के जो बात आपके लिए स्ट्रेस की वजह थी वो असल में चुटकियों में हल हो जाने वाली कोई छोटी से बात थी जिसके बारे में आपने नहीं सोचा था ।
4. लोगों के साथ समय बिताएं
अपने घर वालों या अपने दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने से ज्यादा अच्छा कुछ नहीं है जो आपको हिम्मत देता है। असल में, फेस-टू-फेस इंटरैक्शन हमारे जिस्म में ऐसी हार्मोन बनाते हैं है जो हमें स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं । जो लोग आपके क़रीबी हैं और आपकी फ़िक्र करते हैं उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त गुज़ारें। इससे आपके रिश्ते भी मज़बूत होंगे। ये तरीका तनाव को काम करने में बेहद कारगर है।
5. तनाव या स्ट्रेस कम करने के लिए केलें खाएं
स्ट्रेस होने पर केला खाएं। केले में विटामिन बी , फोलेट और विटामिन बी 6 होता है जो हमारे जिस्म में सेरोटोनिन बनाता है। सेरोटोनिन आपके मूड को बेहतर बनाने और किसी भी तरह की सोच को दूर करने में मदद कर सकते हैं। स्ट्रेस होने पर हमारे जिस्म में कुछ ऐसे हॉर्मोन बनते है जिससे भूख लगती है तो ऐसी हालत में केला एक बहुत अच्छा जरिया है बिना वज़न बढ़ाये फ़ौरन भूख को भागने का।
6. ठन्डे पानी से नहाएं
आम तौर पर ये कहा जाता है के गर्म पानी से नहाना सेहत के लिए अच्छा है और इस लिए ज्यादातर नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर स्ट्रेस हो तो ठन्डे पानी से नहाने से स्ट्रेस कम होता है। असल में ठन्डे पानी से नहाने से जिस्म में खून का बहाव तेज़ हो जाता है जिसके वजह से दिमाग में भी ताज़ा और साफ़ खून पहुँचता है जो स्ट्रेस को कम करने में मददगार साबित होता है। जैसे ही ठंडा पानी जिस्म पर पड़ता है तो दिमाग सरे अंदरूनी हिस्सों को गर्म रखने के लिए खून का बहाव, बदन में तेज हो जाता है । जिससे स्ट्रेस में कमी आती है।
7. जिस काम को नहीं करना चाहते उसके लिए ना कहें
ज़बरदस्ती किसी प्रेशर में आकर ऐसा कोई काम न करें जिसे आप नहीं करना चाहते हैं। या किसी भी काम को दूसरो को खुश करने के लिए बहुत अच्छा करने की कोशिश न करें। ध्यान रखें आप अपनी ज़िन्दगी में हर किसी को खुश नहीं कर सकते। इसलिए वो ही करें जो आपको पसंद है और उतना ही करें जितना आप कर सकते हैं। हर दिन अपने लिए कुछ वक़त ज़रूर निकालें जिस वक़्त को आप सिर्फ अपने लिए जियें और उसमे वही काम करें जो आपको ख़ुशी देती है।
8. किसी अच्छी जगह घुमन जाएं
ट्रैवलिंग एक बहुत अच्छा स्ट्रेस बस्टर है। क्योंकि यह आपको रोज़ की एक जैसी रूटीन ज़िन्दगी से कुछ वक़्त के लिए दूर रखता है । नई जगह पर जाना , नए नए लोगों से मिलना , नयी नयी खान पान के मज़े लेना हमें हमारी रोज़मर्रा की रूटीन बातों से छुटकारा देता है। ट्रैवेलिंग करने से ज़िन्दगी में क्रेज बना रहता है जिससे हमें हमारी ज़िन्दगी बोरिंग या उबाऊ नहीं लगती। अगर किसी वजह से कोई स्ट्रेस है तो वो भी ट्रैवेलिंग करने से ख़तम हो जाता है । इसीलिए छुट्टियों में किसी अच्छी जगह घूमने का प्लान ज़रूर बनाएं।
9. एक समय में एक काम करें
एक वक़्त में एक ही काम को करें । अपने ऊपर सभी कामों का बोझ एक साथ न लें । सभी कामों की एक लिस्ट बनाएं जिन्हें आपको करना है, और उसे उसकी इम्पोर्टेंस के हिसाब से एक एक करके पूरा करें। जो काम सबसे ज़रूरी है उसे सब से पहले करें। एक बार में सब कुछ करने के बजाय एक वक़्त पर एक ही काम को करें। हमेशा इस रूल पर चलें चाहे वह घर हो, स्कूल हो, या नौकरी हो । हर काम को अपने कण्ट्रोल में रखने की कोशिश न करें।
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